यूरइन्डिया आर्थिक अंत:सांस्कृतिक योजना के तहत यूरोपीय आयोग की संयुक्त आर्थिक सहायता से चलने वाली 36 महीने की परियोजना है ।
उद्देश्य
इस परियोजना में आर्थिक संबंधों (वाणिज्यिक, औद्योगिक, सामुदायिक और भू-व्यापार आदि) के इतिहास पर विशेषकर पन्द्रहवीं शताब्दी से लेकर अभी तक के – खासकर मानचित्र आरेखण और वस्त्र व्यापार के – इतिहास पर फोकस किया जाएगा । इसका उद्देश्य, सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य ऐतिहासिक दस्तोवेजों का व्यापक सर्वेक्षण, डिजिटाइज़ेशन और इंटरनेट के माध्यम से यूरोप तथा एशिया के बीच परस्पर ऐतिहासिक संबंधों को प्रकाश में लाना है ।
यूरइन्डिया परियोजना का विशेष उद्देश्य निम्नलिखित है:
दस्तावेजों का सर्वेक्षण और सूचनीकरण:
भारत और यूरोप के सार्वजनिक और निजी संकलनों से संबंधित संकलनों (वाणिज्यिक और आर्थिक संबंधों तथा मानचित्र संग्रहों का अभिलेखागार) का स्थानीयकरण और पहचान । संयुक्त डाटाबेस पर नए अंतर्राष्ट्रीय विवरण मानकों – आई.एस.ए.डी.जी. (इंटरनेशनल कॉन्सिल ऑफ आरकाइम्स) और एम.एल.ई.ए.डी. इनकोडिंग सिस्टम के प्रयोग से बहुत सारे अभिलेखागारों से जमा किए गए विभिन्न शताब्दियों के दस्तावेजों का व्यापक संग्रह तैयार किया जा सकेगा जिससे दोनों महादेशों की संयुक्त इतिहास की बेहतर जानकारी प्राप्त हो सकेगी ।
आर्थिक इतिहास और विकास संबंधी ऐतिहासिक अनुसंधान:
पूर्व में उठाए गए कदमों, जैसे प्रलेख पहचान और संप्रेषण से आर्थिक इतिहास में हिस्सा लेने के लिए एक ऐतिहासिक अन्वेषण किया जाना चाहिए जिसका निम्नलिखित विषयों पर जोर होगा:
- वस्त्र व्यापार, जिसे यूरोप और भारत के बीच सतत् विनिमय रूप में जाना जाता है ।
- भूमि, शहरों, संपर्क के रास्तों आदि के क्रमिक विकास को दर्शाने के लिए विभिन्न शताब्दियों और ऐतिहासिक अवधियों का मानचित्र आरेखण ।
सूचना समाज का विकास:
21वीं शताब्दी के लिए यह एक चुनौती है । इस क्षेत्र में यूरइन्डिया का उद्देश्य यूरोप और भारत की संयुक्त अभिलेखीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हुए आर्थिक व सांस्कृतिक कार्यक्षेत्र में अपना स्थान बनाना है । व्यापक दस्तावेजों को डिजिटाइज़ेशन से विरासत के दस्तावेजों के लिए नई प्रौद्योगिकियों के प्रयोग का पता चलेगा ।
अभिलेखीय दस्तावेजों के प्रतिरक्षण के लिए अनुशांगिक संरक्षण और संपर्क कार्यविधि:
- स्थानगत और ई-लर्निंग प्रशिक्षण सत्रों के आयोजन से ऐसे दस्तावेजों का संरक्षण जो खराब मौसम के प्रति संवेदनशील है, की उपयोगी जानकारियॉं उपलब्ध की जा सकेगी ।
- निवारक संरक्षण के सर्वेक्षण और नीतियों के विकास से संग्रह करने वाले संग्रहाध्यक्ष को सहायता मिल सकेगी ।
बौद्धिक संपदा संबंधी अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेजों का सम्मान:
डिजिटल तकनीकों के द्वारा पुनर्प्रस्तुतीकरण से यूरोप और भारत में बौद्धिक संपदा कानूनों से संबंधित नई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं । इस उप-उद्देश्य के अंतर्गत दोनों महादेशों में वैधानिक स्थितियों का अध्ययन किया जाना चाहिए और सही उपयोग करने तथा वैधानिक पुनर्प्रस्तुतीकरण संबंधी समाधान निकालने के लिए संग्रहाध्यक्षों, अभिलेखाकर्मियों और वकीलों को उपयोगी साधन उपलब्ध कराया जाना चाहिए (यह प्रशिक्षण सत्र सार्थक सिद्ध होता है) ।
इन साधनों, प्रशिक्षण सत्रों और सार्वजनिक क्षेत्रों के दस्तावेज पुनर्प्रस्तुतीकरण का आरेख बनाने की परियोजना से दोनों महादेशों के अभिलेखागारों के लिए नए वित्तीय और संसाधन उपलब्ध होना चाहिए । यह परियोजना विशेष विषयों (वस्त्र और मानचित्र) पर परिलक्षित होनी चाहिए और ऐसा भी हो कि जिसका विस्तार बाद में दस्तावेजों के माध्यम से विभिन्न रूप में किया जा सके ।
ऐतिहासिक व्यापार वाणिज्यिक अभिलेखागारों के प्रति जनसमुदाय की जागरूकता.
ऐसी जागरूकता मुख्य रूप से सर्वेक्षण और सूचियों के प्रकाशन, इंटरनेट पर दस्तावेजों के प्रसार (बहुभाषी डाटाबेस सहित) और अद्वितीय दस्तावेजों (पुनर्प्रस्तुतीकरण) को प्रदर्शित करने वाली चल प्रदर्शनियों द्वारा प्राप्त की जा सकेगी ।
लक्ष्य समूह:

भारत और यूरोप का प्रत्येक व्यक्ति जो दस्तावेजी अनुसंधान में रुचि रखता है ।

भारत और यूरोप के प्रत्येक विश्वविद्यालयों के विद्वान, इतिहासकार, शिक्षक और विद्यार्थी ।

दोनों जगहों में सूचना समाज में अभिरूचि रखने वाले एन.टी.टी.आई.सी. (सूचना और संचार की नई प्रौद्योगिकी) के विशेषज्ञ ।
मुख्य गतिविधियाँ:

भारत और यूरोप में संग्रहों का सर्वेक्षण और सूचीकरण ।

नए विवरण और प्रारूप मानकों का प्रयोग करते हुए दस्तावेजों का डिजिटाइज़ेशन करना तथा वेबसाइट द्वारा प्रसार ।

अभिलेखागारों के संरक्षण, प्रतिरक्ष और पहुंच पर नियंत्रण संबंधित प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन ।

पुनर्प्रस्तुतीकरण के मामले में दस्तावेजों के स्वामित्व से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र पर बौद्धिक संपदा कानूनों के सही अनुप्रयोग संबंधी प्रशिक्षण का आयोजन और आरेखन । यह अभिलेखागारों को नए संसाधन उपलब्ध कराएगा ।